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2 May 2024 · 1 min read

चंचल मन

चंचल मन
चंचल चलत है! मन मेरा
भटकत भटकत रहता है! मन मेरा
जब भी कुछ करना चाहता हूं! मैं काम
विचलित हो बिगाड़ देता है!काम
क्योंकि चंचल चलत है! मन मेरा…
जब मैं सोचूं कल करूंगा! मैं कुछ काम
जल्दी उठूंगा नित्य कर्म करूंगा
फिर करूंगा मैं कुछ काम
जिससे जग में होगा मेरा नाम
क्योंकि चंचल चलत है! मन मेरा…
लेकिन नहीं करने देता कुछ ऐसा काम
जिसे जग में हो मेरा नाम मेरा नाम
क्योंकि चंचल चलत है! मन मेरा मन मेरा….
लेखक
शिक्षक एवं विचारक
उमेश बैरवा

Language: Hindi
1 Like · 250 Views

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