घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
सोच रही है राधा रानी, बात सुहानी।
वो बादल सा नाच नचावत, है अलबेला।
चमके, बरसे और सतावे, अपना छैला।।
सूर्यकांत
घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
सोच रही है राधा रानी, बात सुहानी।
वो बादल सा नाच नचावत, है अलबेला।
चमके, बरसे और सतावे, अपना छैला।।
सूर्यकांत