घूमने आई बरखा
घूमने आई धरा पे बरखा,
संग पवन के साथ,
स्वागत में साड़ी नदियां खड़ी,
ले कर माला हाथ,
सौदामिनी भी आई संग में,पर
रह गई वह मेघ के साथ,
चमक चमक के वह राह दिखावें,
गरज के मेघा करें बात,
घूमने आई धरा पर बरखा,
अपने सखियों के साथ,
मोर नृत्य करें स्वागत में उसके,
कोयल गावे राग मल्हार,
तान मिलावे पेड़ पौधे
ठुमुक ठुमुक नाचे पशु पक्षी सब,
अपनी खुशी का करे इजहार,
प्रेमी के मन में आग लगाने,
यह वर्षा निष्ठुर,
हंस हंस के करे बरखा,
सभी से अपनी मन की बात,
घूमने आई धरा पर बरखा,
ले कर प्रेम का उपहार