घुमती जिंदगी!
हर समय जुझती जिंदगी
ख़ुशी के लिए हुकती जिंदगी
भागती-दौड़ती जिंदगी
है कभी इधर तो
कभी उधर घूमती जिंदगी।
हर पल अपने में डुबोती जिंदगी
फिर भी रहती प्यासी जिंदगी
जिंदगी में दुःखी रहकर भी चाहते
बस और बस जरा-सी जिंदगी ।
कभी आती है समझ तो कभी
हो जाती है बेसमझ जिंदगी
कभी इसे समझाते तो कभी
हमें ही देती समझ जिंदगी ।
कभी बने गमी तो कभी
बन जाती है ख़ुशी जिंदगी
कभी जीने की चाहत तो कभी
बन जाती है ख़ुदकुशी जिंदगी।
चाहे हो जाए हजारों हजार
जहरीले घूंट पीने की जिंदगी
फिर भी है इससे प्यार
है फिर भी जीने की जिंदगी
ऐसे ही पल -2 घुमती ज़िंदगी!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
Priya princess panwar
स्वरचित, मौलिक