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4 Feb 2019 · 1 min read

घर

घर कैसा भी हो लेकिन वो घर हैं,
घर छोटा हो या बड़ा हो,
घर कच्चा हो या पक्का हो,
इसमें रहते इन्सान हो या पक्षी हो,
घर घर होता हैं।।
कहीं भी चले जाओ तुम मगर,
आखिर चैन घर मे होता हैं।।
पक्षी भी जाते है दाना ढूंढने,
आखिर रात घर मे होती हैं।।
घर मे रिश्ते होते है,
रिश्तों मे मिठास होती हैं।।
घर मे अपने होते है,
अपनो से कोई आस होती हैं।।
घर घर होता हैं।।
बाहर कोई अपना न मिलता,
कोई तेरी भावना न समझे,
गैरों का कभी साथ न मिलता,
घर मे साथी हैं अपने।।
आखिर घर घर होता हैं।।
घर एक मंदिर हैं,
मंदिर मे भगवान होते है,
जो लोग घर को घर नहीं समझते,
वो लोग शैतान होते है।।
घर की अहमियत को समझो,
घर कभी टूटने न देना,
घर मे एकता बनाए रखना,
साथ अपनो का छूटने न देना,
आखिर घर घर होता हैं।।
छोटी छोटी खुशियां बांटो,
गमो मे भी तुम साथ रहना,
गम की परछाई बदलेगी,
खुशियों की बरसात होगी।।
आखिर घर घर होता हैं।।
पराओ के पास पल दो पल जाओगे,
लोट के फिर अपने घर आओगे,
पराए तो साथ छोड़ जाएंगे तुम्हारा,
अपने तो साथ उमर भर निभाएंगे।।
आखिर घर घर होता हैं।।
घर मे प्यार बसता हैं,
प्यार बहुत खास होता हैं,
जब वो दूर होता हैं,
तभी उसका एहसास होता हैं।।
आखिर घर घर होता हैं।।

कृति भाटिया।।

Language: Hindi
1 Like · 358 Views

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