पाक तुझे दहला देंगे
रोज-रोज छिप-छिप कर चूहों
आ जाते हो सरहद में
बुजदिल तुम डरपोक भिखारी
जल्दी आओगे ज़द में
आग लगाकर बिल में घुसना
और नहीं चलने देंगे
घर में घुसकर मारेंगे अब
चुन-चुन कर बदला लेंगें
सन्मुख आकर लड़ना तेरे
वश की चोरों बात नहीं
पांच मिनट भी लड़ पाओगे
है तेरी औकात नहीं
अँगड़ाई भी लिये अगर तो
पाक तुझे दहला देंगे
कैसे युद्ध लड़ा जाता है
दो पल में सिखला देंगे
जितना घाव दिया है तुमने
उससे भी गहरा देंगे
रावलपिंडी और कराची
तक झंडा फहरा देंगे
– आकाश महेशपुरी