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11 Aug 2022 · 1 min read

घर घर लहराए तिरंगा

*********** घर – घर लहराए तिरंगा *********
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घर-घर लहराए तिरंगा सरकार का यह फरमान है,
तिरंगा तो हर हाथ मे पर घर यही यही व्यवधान है।

रहने को मजबूर मजदूर रहने को सिर पर छत नहीं
जन-जन निज घर में तिरंगा कब होगा समाधान है।

दे कर कर है जनता हारी समझ से परे है मुखत्यारी,
भाड़ में जनता बेचारी उनको तो बढ़ाना कराधान है।

देशभक्ति की लहर हमेशा हर जन की रग दौड़ती,
जाति-जहर धर्म घोलती सरकार की ये सुरतान है।

मनसीरत कोई तो चलकर आगे आये नही तो सच,
महंगाई,बेरोजगारी,भृष्टाचारी,लाचारी ही परवान है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
159 Views
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