*घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)*
घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)
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नेता जी ने बीच सड़क पर
झाड़ू खूब लगाई
उसकी फोटो अखबारों में
जा-जाकर छपवाई
जब देखे अखबार
देखकर फोटो पत्नी बोली
“अखबारों ने आज तुम्हारी
पोल समूची खोली
तुम्हें लगानी आती झाड़ू
अच्छी तुम्हीं लगाओ
छुट्टी मेरी हुई आज से
घर को भी चमकाओ
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451