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19 Oct 2022 · 1 min read

*घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)*

घर को भी चमकाओ (बाल कविता/हास्य कविता)
_______________________
नेता जी ने बीच सड़‌क पर
झाड़ू खूब लगाई
उसकी फोटो अखबारों में
जा-जाकर छपवाई

जब देखे अखबार
देखकर फोटो पत्नी बोली
“अखबारों ने आज तुम्हारी
पोल समूची खोली

तुम्हें लगानी आती झाड़ू
अच्छी तुम्हीं लगाओ
छुट्‌टी मेरी हुई आज से
घर को भी चमकाओ
_________________________
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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