*** घर के आंगन की फुलवारी ***
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वो घर के आंगन की फुलवारी है
प्यार से भी प्यारी है
हंसती खिलती
मुस्कान सुनहरी है
वो घर के आंगन की महकती फुलवारी है
जैसे निकलते सूरज की
किरणों की छावा निराली है
ऐसे घर में तेरे आने से
खुशहाली है
वो घर के आंगन की महकती फुलवारी है
जगमग हो जाएगा
ये सारा जहां
ऐसी किरण
उस खुदा ने हमारे
आंगन मे डाली है
वो घर के आंगन की महकती फुलवारी है
लगती वो
निकलते सूरज की लाली है
कौन छुऐगा तुझे
तू तितली सी मतवाली है
मन चंचल सी तू इतराती
तितलियों की कहानी है
वो घर के आंगन की महकती फुलवारी है
जिससे हमारा घर महकता
सुगंधित दुनिया सारी है
तेरी सुन्दरता सब निहारते
तेरी एक झलक पाने के लिए
तुझे बिटिया-बिटिया पुकारते
जब भी तु मन्द-मन्द मुस्कए
हर कोई तेरी हँसी को
फिर से देखना चाहे
फिर तुझे बेटी-बेटी बुलाये
ये देख हर कोई चाहे
हमारे घर भी
एक नन्हीं परी आए