घर की बड़ी बेटी…
परिवार की उम्मीदों का आधार होती है
घर की बड़ी बेटी सबसे ज्यादा जिम्मेदार होती है।
माँ-पापा, दादा-दादी का लाड़-प्यार होती है,
घर की बड़ी बेटी…
अपने से छोटों की पहरेदार होती हैं,
घर की बड़ी बेटी…
भाई-बहनों की फरमाइशों का अंबार होती हैं,
घर की बड़ी बेटी…
संयम से काम लेती है, होशियार होती है,
घर की बड़ी बेटी…
हर गलत फैसले पर उनकी इनकार होती है,
घर की बड़ी बेटी…
वर्षों पहले देखे गए सपनों सा साकार होती है,
घर की बड़ी बेटी…
जरूरतमंदों की मदद को हर पल तैयार होती है,
घर की बड़ी बेटी…
( ये कविता मेरी बड़ी बहन और दुनियाभर की सभी बड़ी बहनों को समर्पित है, जो अपने परिवार का सहारा बनती हैं और हर मुश्किल का सामना हिम्मत और साहस से करती हैं।)