घर की अर्थव्यस्थता को मजबूत करने मे हमारी सहभागीता।
“नारी, तू इस दुनिया में
नया सवेरा लाएगी।
जब आर्थिक संकटों में भी तू
दुर्गा बनकर जीत जाएगी।”
किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में परिवार, समाज एवं देश में महिलाओं के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता,हर युग में महिलाओं ने समाज को एक नई दिशा प्रदान की है।विशेषज्ञों का मानना है की कोरोना महामारी के प्रभाव की वजह से स्वास्थ्य तथा अर्थव्यवस्था में बड़ी हानि हो रही है।सुसंपन्न ,परिपक्व अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में नारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी उठा रही है।
१) हमारी बच्चत ही हमारी कमाई है। हमें खर्चों को समझकर अनावश्यक खर्चों को हटाना चाहिए । हमारे जमा पूंजी का प्रयोग सही रूप में करें तो यह नीति हमारे भविष्य के लिए कुशल एवं उपयोगी साबित हो सकती हैं।
२) स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु हम घर से बाहर निकलना बहुत कम कर रहे हैं ,इस वजह से हम नैसर्गिक संसाधन पेट्रोल,डीजल का अतिरिक्त खर्चा बचा रहे हैं।
३) बच्चों को ट्यूशन कोचिंग से वंचित रख कर उन्हें घर पर ही पढ़ा कर हम घर की जिम्मेदारियों के साथ अर्थव्यवस्था सबल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
४) इस समय के दौरान हम हमारी कला और कुशलता के माध्यम से सिलाई, पापड़ उद्योग, ब्यूटी पार्लर, ऑनलाइन ट्रेनिंग, तथा लघुउद्योग के माध्यम से माँ लक्ष्मी का रूप प्राप्त कर रहे हैं। और साथ ही अपने कमाई के कुछ हिस्सों से आपातकालीन कोष बनाने की कोशिश कर रहे है। जो हमारी भविष्य में आनेवाली आर्थिक संकट में हमारे लिए वरदान होगा।
५) सरकार के आदेश अनुसार घर पर ही रह कर उपलब्ध सामग्री में अलग-अलग व्यंजन बनाकर रसोई में अन्नपूर्णा का रूप भी बन रहे हैं। तथा रसोई में अपने परिवार के साथ कुछ विद्यार्थियों के लिए टिफिन बनाकर हम बचत की संभावना को बेहतर बना रहे है।
“लक्ष्मी अन्नपूर्णा और हमारे
हौसलो का तू जोर है।
आज से नारी तेरे हाथों में
घर चलाने की डोर है।”