Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2021 · 1 min read

घमौरीवाली दिन-रात

आजकल ‘दिन’
बारिश
और घमौरीवाली
गर्मी से
फिर ‘रात’
बिजली कटने से
अंधकार,
मच्छर,
जलताप की
किचकिच से
कट रहे हैं.
प्रकृति माने
मजा या सजा !

Language: Hindi
238 Views

You may also like these posts

ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
sp123 जहां कहीं भी
sp123 जहां कहीं भी
Manoj Shrivastava
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चिन्ता कब परिवार की,
चिन्ता कब परिवार की,
sushil sarna
😊भायला-भायलियों!
😊भायला-भायलियों!
*प्रणय*
चुनावों का चाव
चुनावों का चाव
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
श्री चरणों की धूल
श्री चरणों की धूल
Dr.Pratibha Prakash
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता।   नील रूहान
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता। नील रूहान
Neelofar Khan
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
Sudhir srivastava
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
इस अजब से माहौल में
इस अजब से माहौल में
हिमांशु Kulshrestha
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
Rambali Mishra
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
Harminder Kaur
- दिल तुझसे जो लगाया -
- दिल तुझसे जो लगाया -
bharat gehlot
आहों का अब असर देखेंगे।
आहों का अब असर देखेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सहर देना"
Dr. Kishan tandon kranti
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
यूं हज़ार बहाने हैं तुझसे बात करने को ऐ ज़िंदगी!
यूं हज़ार बहाने हैं तुझसे बात करने को ऐ ज़िंदगी!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
Loading...