Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2021 · 1 min read

घमंड बेल समान

बेल हो बेल ही रहना,

ऊपर चढ़ने की इजाजत क्या दे दी

अपने दरख़्त समझने लगे…..

अक्सर मौसम बदलने के साथ बेले बदल जाया करती है..

उमेंद्र कुमार

Language: Hindi
2 Likes · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री ( पूर्व निदेशक – आयुष ) दिल्ली
डॉ अरुण कुमार शास्त्री ( पूर्व निदेशक – आयुष ) दिल्ली
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा- दिशा
दोहा- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं असफल और नाकाम रहा!
मैं असफल और नाकाम रहा!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
दिल की भाषा
दिल की भाषा
Ram Krishan Rastogi
धीरे धीरे  निकल  रहे  हो तुम दिल से.....
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
Rakesh Singh
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
कहा किसी ने आ मिलो तो वक्त ही नही मिला।।
कहा किसी ने आ मिलो तो वक्त ही नही मिला।।
पूर्वार्थ
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
एक बनी थी शक्कर मिल
एक बनी थी शक्कर मिल
Dhirendra Singh
शुभ दिवाली
शुभ दिवाली
umesh mehra
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
*प्रणय प्रभात*
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तौलकर बोलना औरों को
तौलकर बोलना औरों को
DrLakshman Jha Parimal
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
"दिल में"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"शौर्य"
Lohit Tamta
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
पारा बढ़ता जा रहा, गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
पारा बढ़ता जा रहा, गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
Ravi Prakash
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
gurudeenverma198
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...