Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

घनाक्षरी

घनाक्षरी
मन में उमंग रख, तन में तरंग रख
सोच, सोच हर पल, कैसे आगे बढ़ना
राम सा चरित रख, कृष्ण सा फलित रख
सीख जा रे सीख जा, दुख में भी हँसना
नदिया पखारे पाँव, छम छम चले गांव
सूरज सा तेज रख, पल पल चमकना
आगे-पीछे है जी कौन, तेरे पीछे जग गौण
भोर-भोर कह रही, तुझे यूँ सँवरना।।
सूर्यकांत

1 Like · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
Shweta Soni
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क्या छिपा रहे हो
क्या छिपा रहे हो
Ritu Asooja
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
" SHOW MUST GO ON "
DrLakshman Jha Parimal
चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
Santosh kumar Miri
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रूपगर्विता
रूपगर्विता
Dr. Kishan tandon kranti
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
3116.*पूर्णिका*
3116.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
एहसास दे मुझे
एहसास दे मुझे
Dr fauzia Naseem shad
ले कर मुझे
ले कर मुझे
हिमांशु Kulshrestha
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
Adha Deshwal
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*प्रणय प्रभात*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पंख पतंगे के मिले,
पंख पतंगे के मिले,
sushil sarna
Loading...