घनाक्षरी
घनाक्षरी
मेरी नौजवानों से अपेक्षा है,यही कि बन्धु ,
करिये तरक्की आप , चाँद तक जाइये |
प्रभु की दया से दुख , आपको छूने न पाए ,
नित्य ही दिवाली शौक – शान से मनाइये |
करें आप हर काम , अपने हिसाब से ही,
किंतु एक बात , अवधू की मान जाइये | माता-पिता आपके , बुजुर्ग जब हो चलें तो ,
करने से उनकी सेवा , न कतराइये | |
अवध किशोर ‘अवधू’
मो. न.9918854285