घनाक्षरी ( मोबाइल पिटाई)
घनाक्षरी छंद
असंगति एवं ललित अलंकार
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हमारे तुम्हारे बीच, बीच में ही रही बात,
अपनी सहेली को भी,नहीं बतलाई थी ।
सावधानी पूरी रखी,डैडी बिना कारण के,
ऐसे कैसे तुम्हारी पिटाई करवाई थी।
ओ मेरे कन्हाई ,ब्लेड प्रेशर है हाई,
मेरी बुद्धि चकराई,कौन चुगली लगाई थी ।
एक दिन जल्दी जल्दी,तूने ही बुलाई मुझे,
अपना मोबाइल मैं,घर छोड़ आई थी
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर
10/6/2021