घनाक्षरी छंद ( सुदर्शन चक्र)
सुदर्शन चक्र
बनाम बुलडोजर
घनाक्षरी छंद
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बलवान लोहे जैसे,सबल घमंडियों को,
कानून की भट्टियों में डालके गला दिया।
बढ़े घास जैसे अत्याचार, जब धरती पै,
बनके प्रचण्ड आग सबको जला दिया।
बनके पहाड़ दुष्ट आगे आए लड़ने को,
बेर पेड़ जैसा हर, बैरी को हला दिया।
मचाया आतंक जब,ब्रज में निशाचरों ने,
योगी कृष्ण जी ने बुलडोजर चला दिया।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
4/3/23