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26 Apr 2019 · 1 min read

घनघोर घटा छाये

घनघोर घटा छायें,
दुती दामिनी दमकाये ।
जब महके केसर क्यारी ,
सब मंद मंद मुस्कायें।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
26*04*2019

Language: Hindi
420 Views
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Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
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