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18 May 2024 · 1 min read

घड़ी का इंतजार है

बेसब्री से उस घड़ी का इंतजार है।
जब तुम कहोगे, हां तुमसे प्यार है।

राह तकते तकते थक जाते हैं नैना
तेरी दीद के बिना,आये न चैना।

क्यों गंवा रहे हो , तुम ये हसीन पल
लौट कर ये वक्त ,नहीं आयेगा कल।

मिलती है ऐसी घड़ियां नसीब से
क्यों उठ के जा रहे हो करीब से।

लौट आओ तुम, बनकर हसीं ख्वाब।
गिले शिकवों का ,फिर लेना हिसाब।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
30 Views
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