Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2019 · 1 min read

गज़ल

यहाँ मुस्कुराना जरूरी बहुत है
हक़ीक़त छुपाना जरूरी बहुत है,

अगर ख़्वाब संजीदा होने लगें तो
उन्हें गुदगुदाना जरूरी बहुत है,

जो रिश्तों की बगिया को है सींचना तो
मुहब्बत जताना जरूरी बहुत है,

भले इश्क़ है एक भारी-सा पत्थर
ये पत्थर उठाना जरूरी बहुत है,

सियासत के चेहरे से इंसानियत के
मुखौटे हटाना जरूरी बहुत है,

नए दौर की इस नई दास्ताँ में
पुराना ज़माना जरूरी बहुत है,

चलो फूँक डालें सभी नफरतों कों
ये कचरा जलाना जरूरी बहुत है,

Language: Hindi
1 Like · 373 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

■ दोमुंहा-सांप।।
■ दोमुंहा-सांप।।
*प्रणय*
मेरे गुरु जी
मेरे गुरु जी
Rambali Mishra
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
Adha's quote
Adha's quote
Adha Deshwal
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
पैसे कमाने के लिए दिमाग चाहिए
पैसे कमाने के लिए दिमाग चाहिए
Sonam Puneet Dubey
माॅंं ! तुम टूटना नहीं
माॅंं ! तुम टूटना नहीं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
फूल फूल और फूल
फूल फूल और फूल
SATPAL CHAUHAN
गज़ल
गज़ल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शीर्षक -बच्चों का संसार पिता!
शीर्षक -बच्चों का संसार पिता!
Sushma Singh
*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इंसानियत का रिश्ता।
इंसानियत का रिश्ता।
अनुराग दीक्षित
नादान
नादान
Shutisha Rajput
#बेटियां #(मेरा नवीन प्रयास सयाली छंद मे)
#बेटियां #(मेरा नवीन प्रयास सयाली छंद मे)
पं अंजू पांडेय अश्रु
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
कर ले प्यार
कर ले प्यार
Ashwani Kumar Jaiswal
जागे जग में लोक संवेदना
जागे जग में लोक संवेदना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खिड़कियाँ
खिड़कियाँ
Kanchan Advaita
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2778. *पूर्णिका*
2778. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जताने लगते हो
जताने लगते हो
Pratibha Pandey
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
छठपूजा
छठपूजा
Sudhir srivastava
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम गए हो यूँ
तुम गए हो यूँ
Kirtika Namdev
अकथ कथा
अकथ कथा
Neelam Sharma
ग़ज़ल- ये नहीं पूछना क्या करे शायरी
ग़ज़ल- ये नहीं पूछना क्या करे शायरी
आकाश महेशपुरी
Loading...