हम तेरे लबो रुख्सर में
हम तेरे लबो रुख्सर में खोना चहते हैं
हर लम्हा तेरे अगोश में सोंना चहते हैं
तू मुझसे बिछड़ने चहती है तो हो जा
सीने से बस तेरे लग के रोना चहते हैं
हुकूमतो ने फासले कर दिए है बहुत
नन्हे ख़्वाब मुल्क को जोड़ना चहते है
बूढ़ी माँ के दुआओ में है अजब सा नूर
फ़रिश्ते भी मुसीबत से बचाना चहते है
ज़ख्म पे नमक लगाने को हर पल तैयार
ऐसी सियासतों को हम मिटाना चहते है