बढ़ा रही हैं मस्तियाँ
ग्वाल उछालें टोपियाँ
बढ़ा रही हैं मस्तियाँ
खड़ी राधिका-गोपियाँ
ग्वाल उछालें ………..
हृदय के आसपास रच
एक नया मधुमास रच
वृन्दावन में रास रच
सरगम का अहसास रच
कृष्ण नया इतिहास रच
गूंज उठे सब बस्तियाँ
ग्वाल उछालें ………..
औरों का सम्मान कर
फ़िदा चमन पर जान कर
फूलों का रसपान कर
हरि को प्रीतम मान कर
जीवन को रसखान कर
खिल जाएँ फुलवारियाँ
ग्वाल उछालें ………..
एक मधुर-सा गीत हो
मनभावन संगीत हो
ऐसी कोई रीत हो
हार न हो बस जीत हो
जहाँ सिर्फ़ मनमीत हो
दूर रहें मक्कारियाँ
ग्वाल उछालें ………..