ग्लोबल विलेज
ना कहीं भारत होखे
ना कहीं पाकिस्तान होखे
एक पूरा ज़हान होखे!
ना केहू हिंदू होखे
ना केहू मुसलमान होखे
एक सगरी इंसान होखे!
काहे ना हमनी के
आज मिलजुल के
कईल जाव दुआ इहे!
हरा-भरा धरती होखे
खुला-खुला आसमान होखे
एक नया उड़ान होखे!
ना कहीं भारत होखे
ना कहीं पाकिस्तान होखे
एक पूरा ज़हान होखे!
ना केहू हिंदू होखे
ना केहू मुसलमान होखे
एक सगरी इंसान होखे!
काहे ना हमनी के
आज मिलजुल के
कईल जाव दुआ इहे!
हरा-भरा धरती होखे
खुला-खुला आसमान होखे
एक नया उड़ान होखे!