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11 Jun 2024 · 1 min read

ग्रीष्म ऋतु

गर्मी मौसम ताप का, त्रस्त हुआ संसार |
पौधे आतप से जले , सूखी जल की धार |
सूखी जल की धार,नदी की धारा गाती |
दिनकर करते कोप,फटी धरती की छाती |
कहें प्रेम कविराय, फसल में छायी नरमी|
पके डाल के आम,आम में सिमटी गर्मी |
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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