गौ माता के हक में ..
भारत में गौ हत्या पर प्रतिबन्ध अति -आवश्यक है गाय हमारी संस्कृति की पहचान है ,ऋषि -मुनियों की धरोहर है , स्वर्ग में रहने वाली ”कामधेनु ” की संतान है यह . गंगा-मईया की भांति पूजनीय है मुक्ति का मार्ग इसके चरणों से ही प्राप्त है. हमारे जीवन में जननी के बाद यदि कोई महत्वपूर्ण है तो गोऊ माता – जिसका दूध पीकर हम बड़े हुए और हष्ट -पुष्ट बने .
हम अपनी गोऊ माता के प्रति इतने क्रूर ,स्वार्थी व् गैर-ज़िम्मेदार कैसे हो सकते हैं. जो जीतेजी तो क्या अपनी मृत्यु के पश्चात् भी
अपना सब कुछ कुर्बान कर देती है. तो इतनी भोली ,मासूम व् सुंदर छवि वाली गोऊ माता के लिए हमारा कुछ फ़र्ज़ हैया नहीं. .
हमारा पहला फ़र्ज़ है गोऊ माता को राष्ट्र पशु का दर्ज़ा दिलवाना , दुसरी फ़र्ज़ बेसहारा व् भूखी गाओं के लिए आश्रय व् भोजन का प्रबंध करवाना ताकि उन्हें गंदगी से भरे कचरे के ढेर में मुंह ना मारना पड़े . स्वार्थी ,लालची दूधवालों /डेअरी वालों से उसके हक व् सेहत (प्राणों ) की रक्षा करना . क्योंकि जब कोई गाय बीमार हो जाती है ,तो उसका इलाज ठीक से नहीं करवाते, , और या जब वोह बुज़ुर्ग हो जाती है , बच्चे ना देने की स्थिति में आ जाये तो या तो उन्हें बेघर कर देते हैं या कसाई के हाथों बेच देते हैं. .
हाय ! इस भोले से ,मासूम से जीव के साथ इतना बड़ा अन्याय ,क्रूरता , ? क्या यह है उसके किये हुए उपकारों का प्रतिफल? हम उसके गुणों व् महानता से भरे जीवन के समक्ष कुछ भी नहीं है. हमें तो बल्कि उसके गुणों व् चरित्र को अपने जीवन में धारण करना चाहिए . मगर हम क्या कर रहे हैं?
सुनो साथियो ! हमें अपनी गोऊ माता के हक व् सुरक्षा हेतु आवाज़ बुलंद करनी चाहिए ! हाँ या नहीं ! यदि सहमत हो तो कृपया इस post पर pls एक like दीजिये.
धन्यवाद !