गौरैया
नटखट बचपन में तरंगे पैदा करने के लिए गौरैया का नाम जरूर आता है। बच्चा गौरैया या ऐसी ही चिडि़ंयों को देखकर मचलता जरूर है। बात कोई बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है। कोई एक-डेढ़ दशक पहले ज्यादातर घरों में गौरैया का घोंसला जरूर होता था। घोंसला न भी हो तो यह इंसानी दोस्त घर की मुंडेर पर आकर आकर बैठ जाती थी, फिर इधर-उधर फुदक कर उड़ जाती थी। खेत-खलियान, बस-रेलवे स्टेशनों पर इनके झुंड नजर आते थे। पुराने जमाने में गौरैया को खुशी, फुर्ती, आजादी, रिवायत, संस्कृति का प्रतीक माना जाता था। अब इस पर ऐसा संकट आया है कि यह विलुप्त हो चुकी है और बमुश्किल नजर आती है। कुछ पक्षी प्रेमी आज भी इसको संरक्षण देने और बचाने में लगे हैं।
खत्म होने के कारण: गौरैया को सबसे ज्यादा रेडिएशन ने नुकसान पहुंचाया है। चूंकि मोबाइल जिंदगी की हम जरूरत बन चुका है, इसलिए मजबूत सिगनल के लिए हाई फिरिक्वेंसी टॉवर लगाए जा रहे हैं। पर्यावरण विद बताते हैं कि टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन में ऐसी क्षमता होती है जिससे गौरैया के अंडे नष्ट हो जाते हैं। वाहनों की बढ़ती तादाद भी इनको नष्ट करने में कम जिम्मेदार नहीं है। वाहनों में जलने वाले ईंधन से निकलने वाला मेथिल नाइट्रेट छोटे कीटों के लिए खतरनाक है। यही कीट इनके चूजों का खाना होते हैं। बढ़ती आबादी की मांग को देखते हुए खेत कंकरीट के जंगलों में बदल रहे हैं। कच्चे मकान तो रहे नहीं, पक्के मकानों को भी इस तरह बनाया जा रहा है कि उनमें छज्जे, ताख या और कोई गुंजाइश ही नहीं बची है। इन्हीं जगहों पर गौरैया अपना आशियाना बनाती थी।
रेड लिस्ट में शामिल: घर क्या, बागात क्या हर जगह गौरैया की तादाद घट रही है। हालांकि सरकार इसके वापस आने की तमाम कोशिशें कर रही है। गौरैया को संकटग्रस्त प्रजाति के पक्षियों की रेड लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका मकसद यही है कि जनमानस का ध्यान इसको बचाने की तरफ खींचा जाए।
दिल्ली में राजकीय पक्षी: गौरैया पर अरसे से खतरा मंडरा रहा है। इसको ध्यान में रखकर सरकारों ने इसके संरक्षण की कोशिशें शुरू कर दी हैं। दिल्ली सरकार ने तो गौरैया का आस्तित्व बचाने के लिए इसको राजकी पक्षी घोषित कर दिया है। अन्य सरकारें भी ध्यान दे रही हैं।
महादेवी वर्मा की पसंद: उत्तर भारत में गौरैया का खास महत्व है। यह यहां की संस्कृति में अच्छी तरह रची-बसी है। हिन्दी की मशहूर लेखिका व कवियित्री महादेवी वर्मा ने अपनी कहानी गौरैया में इसका महत्व बताया है। उन्होंने शहरी जीवन को समृद्ध करने के लिए गौरैया के लौट आने की कामना की है।
© अरशद रसूल