गौरव है बेटियां
मान है सम्मान है गौरव है बेटियां
आकाश सी बुलंद गंगा सी पावन है बेटियां
सिंदूर के लिए कभी यमराज से लड़ी
सम्मान के लिए कभी जोहर है बेटियां
दुश्मन को चीरने से भी डरती नही कभी
दुर्गावती , चम्पा,रानी लक्ष्मी बाई है बेटियां
गुड़ियों से खेलती कही अटखेलियां बहुत
रोटी को सेकती कही मां सी है बेटियां
खुशबू लिए चंदन का उपवन है बेटियां
मीरा सी है दिखती कही सीता सा रूप
उष्णता की छाव ,कही जड़ों की धूप
मरुस्थल में बरसता हुआ सावन है बेटियां
मान है सम्मान है गौरव है बेटियां
आकाश सी बुलंद गंगा सी पावन है बेटियां
प्रज्ञा गोयल ©®