Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2020 · 1 min read

गौमाता

सब देवों का अंश है, तुझमे ही गौ मात।
कहते वेद पुराण भी, पूजनीय है गात।

मंथन से निकली तुम्हीं, कामधेनु है नाम।
अमृत जैसा दूध है, सदा ही आता काम।

हर युग में गौ पूज्य है, घर में पालो गाय।
दूध दही घी खाइये, रोग निकट नहि आय।

गौ माता का राखिये, जग में लोंगो मान।
जिस घर में गौ मात है, वो घर स्वर्ग समान।

देखो कैसे गाय पर, बढ़ते अब अन्याय।
घर में कुत्ते पालते, सड़को पर हैं गाय।

अभिनव मिश्र”अदम्य

Language: Hindi
1392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
शेखर सिंह
पापा मैं आप सी नही हो पाऊंगी
पापा मैं आप सी नही हो पाऊंगी
Anjana banda
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
Bhupendra Rawat
सबका साथ
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
(18) छलों का पाठ्यक्रम इक नया चलाओ !
(18) छलों का पाठ्यक्रम इक नया चलाओ !
Kishore Nigam
पातुक
पातुक
शांतिलाल सोनी
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
Rambali Mishra
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
gurudeenverma198
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आँसू छलके आँख से,
आँसू छलके आँख से,
sushil sarna
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
#शीर्षक- 55 वर्ष, बचपन का पंखा
Anil chobisa
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
लफ्ज़
लफ्ज़
Dr Parveen Thakur
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
विमला महरिया मौज
"कुछ पन्नों में तुम हो ये सच है फिर भी।
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-394💐
💐प्रेम कौतुक-394💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खाओ जलेबी
खाओ जलेबी
surenderpal vaidya
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
Loading...