गोवर्धन
है
परम्परा भारत की
करते हैं यहाँ
प्यार पशुधन से
गोवर्धन
एक ऊंगली से
उठाया
करी रक्षा
वृन्दावन की
बहती नदी
दूध दही
मक्खन की
गो-धन
सम्पत्ति है
देश की
कहे
कृष्ण कृष्ण
सारा वृन्दावन
है अधूरा
बिन राधे राधे
वृन्दावन
हर दिन
करें सम्मान
गो-धन का
हर दिन
मनाये
गोवर्धन
समाज में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल