गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पर्व
जय जय हे कृष्ण मुरारी,
तुम हो सबके हितकारी।
गोवर्धन पर्वत तुमने उठाया,
एक उंगली पर उसे नचाया।।
घमंड तोड़कर इंद्र का तुमने,
उसको एक सबक सिखाया।
सब ग्वाल बाल की रक्षा कर,
वृन्दावन को तुमने है बचाया।।
गोवंश की रक्षा करो सब तुम,
सबको तुमने ये पाठ सिखाया।
सर्व हित करना तुम सब का,
ये तुमने भली भांति समझाया।।
गोवंश के वर्धन न करोगे तुम,
दूध दही मक्खन कैसे खाओगे।
अगर इनसे वंचित रहोगे तुम,
हृष्ट पुष्ट कैसे तुम बन पाओगे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम