गोवर्धन पूजन
गोवर्धन पूजन –
कान्हा स्वयं पूर्ण ब्रह्म अवतार
इंद्र पूजन वंन्दन का किया बहिष्कार ।।
इंद्र कोप से वर्षा मचा दिया हाहाकार कान्हा ने देखा सखा वन्धु वांधव परेशान बेहाल।।
तर्जनी पर गोवर्धन धारण कर गोवर्धन बना दीया आकाश ग्वाल वाल गोकुल का नव नंद गांव।।
गोवर्धन कि छांव इंद्र कोप का अंत इंद्र ने मानी हार छप्पन भोग
गोवर्धन पूजन अन्नकूट उत्सव उल्लास।।
अपराध छमां मांगने आया कान्हा के शरण शरणागत कि रक्षा किया इंद्र कोप से उद्धार।।
प्रकृति प्राणि समन्वय सृष्टि कि दृष्टि का परम सत्य परब्रह्म श्री कृष्ण युग का संदेश पूर्ण ब्रह्म अवतार सत्त्यार्थ ।।
मौसम ऋतुएं पर्यावरण प्रकृति का नेह स्नेह सार प्रकृति संरक्षण गोवर्धन पूजन का वैदिक लोक संस्कृति साकार व्यवहार।।
गोवर्धन पूजन का दूसरा पक्ष –
गोवर्धन ग्वाला राधा को करता परेशान गोपियों ने मिल गोवर्धन को पीटा कुटा।।
प्रतीक गोवर्धन ग्वाले का बनता पूर्वांचल के द्वार द्वार नारी शक्ति बेटी माँ बहने गोवर्धन कूटती नारी गौरव शक्ति का सत्य सनातन सार।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।