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17 Oct 2021 · 10 min read

गोलू–अब्बू जोक्स सीरीज़ (1)

१. बैंड और हसबैंड

गोलू: अब्बू तुम तो संत अन्थोनी स्कूल में पढ़ते हो। तुम्हारी अंग्रेजी तो अच्छी होगी ही। अच्छा बताओ “बैंड और हसबैंड” में क्या फ़र्क है?

अब्बू : वैरी सिंपल … वादकों द्वारा कुछ ख़ास मौकों पर बजाये गए यंत्र को “बैंड” कहते है। जबकि पत्नियों द्वारा कभी भी, कहीं भी बजाये गए व्यक्ति को हसबैंड कहते हैं।

•••

२. बेलनखाईंग डे

अब्बू : बड़े भाई आज इतनी सुबह-सुबह सज-धज कर कहाँ चल दिए?

गोलू (अपने कपड़ों पर सेंट छिड़कते हुए): आज तो वैलंटाइन डे है छोटे। मैंने भी अपनी गर्ल-फ्रैंड को डेट दे रखी है। पूरा दिन घूमेंगे, फिरेंगे, ऐश करेंगे और क्या?

अब्बू : बड़े भइया धीरे बोलो अगर भाभी जी ने सुन लिया तो आज ही “बेलनखाईंग डे” भी हो जायेगा।

•••

३. पति और चायपत्ती

अब्बू (सुबह के वक्त चाय पीते हुए): बड़े भाई ये पति और चायपत्ती में क्या फर्क है?

गोलू (बेहद मरे हुए अंदाज में, गरम चाय को फूंकते हुए): चायपत्ती जो होती है एक बार में उबाल कर उसका सारा रंग उड़ जाता है। जबकि पति का रंग पत्नी के तानों और पिटाई से जीवन भर उडता रहता है।

•••

४. पेट तो खाली ही रहा

गोलू (अपने पेट पर हाथ फेरते हुए): मोटे आदमी के सामने एक समोसा। ये तो वही बात हो गई “हाथी के मुंह में खीरा”!

अब्बू : गोलू भाई, हाथी के मुंह में खीरा नहीं। कहावत तो दूसरी है—ऊंट के मुंह में जीरा।

गोलू (थोड़ा गुस्से में): अबे घोंचू, कहावत दूसरी हो या तीसरी, बात तो एक ही है। पेट तो खाली ही रहा।

•••

५. तानसेन

गोलू: अब्बू भइया रात मुझे बहुत प्यारा सपना आया। मैं बादशाह अकबर के दरबार में तानसेन बना, हाथ में वीणा लेकर, ऊँचे सुर में राग मल्हार गा रहा हूँ।

अब्बू : ओहो तो वो आप थे बड़े भइया। मैं तमाम रात सोचता रहा। शायद कालू कुम्हार के गधे का हाज़मा बिगड़ गया है। इसलिए बेचारा पूरी रात दर्द से कराहा रहा है।

•••

६. घाटा

अब्बू : ये सुबह-सुबह मुंह लटकाए क्यों बैठे हो गोलू भाई?

गोलू (उदास स्वर में): यार अब्बू बताऊँ? जबसे देसी घी पचास रूपये सस्ता हो गया। मुझे तो घाटा हो गया।

अब्बू (हैरानी से): वह कैसे?

गोलू (रोते स्वर में): पहले देसी घी न खाकर पूरे साढ़े चार सौ रूपये बचते थे। अब सिर्फ चार सौ रूपये ही बचेंगे।

•••

७. राजनीति में रिश्तेदार

अब्बू (बड़े गर्व के साथ): मेरे तीन रिश्तेदार राजनीति में रहे हैं।

गोलू: दो का तो मुझे पता है। एक थे बापू “गांधी” और दूसरे चाचा “नेहरू” . . . ये बता तीसरा कौन था ?

अब्बू : ताऊ “देवी लाल”

•••

८. सरदारों जैसी बातें

अब्बू : गोलू भाई, राशन की दूकान से खाली थैला लेकर कैसे लौट रहे हो?

गोलू: तुम्हे तो पता ही है मैं सिर्फ राशन की दूकान से चीनी ही लेता हूँ। इस बार राशन में चीनी गन्दी आई है इसलिए लेने की इच्छा नहीं हुई।

अब्बू : बस इतनी मामूली सी बात। चीनी ले लेते और बाद में पानी में धोकर साफ़ कर लेते।

गोलू : ज़रा अपना सर दिखा।

अब्बू : ये मेरे सर पर क्या कर रहे हो ?

गोलू : तूने पगड़ी तो बाँधी नहीं है। सरदार जैसा भी तू कहीं से नहीं दिखता फिर तू बातें सरदारों जैसी क्यों करता है?

•••

९. मच्छरों का प्लान

गोलू: अब्बू तुम खोडा कॉलोनी में कैसे रहते हो ? मेरा तो खोडा में एक भी दिन रहना मुश्किल है। तुम भी चलकर दिल्ली में क्यों नहीं रहते ?

अब्बू : क्यों क्या खराबी है खोड़ा कॉलोनी में?

गोलू : अबे क्या खराबी है पूछ रहा है! कौन सी खूबी है यहाँ ? कल रातभर से बिजली गुल थी। मोटर नहीं चली इसलिए तुम पानी भी नहीं भर पाये।

अब्बू : ये कोई नई बात थोड़े है!

गोलू : एक तो रातभर बिजली नहीं थी। ऊपर से मच्छर इतने सारे थे कि मुझे उडाकर ले जाने की फ़िराक में थे।

अब्बू : आप निश्चिन्त होकर सोइये गोलू भैया “मच्छरों का प्लान” कामयाब न हो इसलिए खोड़ा वालों ने खाट में खटमल पाल रखे हैं।

•••

१०. कालिदास का नाम

अब्बू : कवि ने क्या खूब कहा है बड़े भैया—

करत-करत अभ्यास के, जड़मति होए सुजान
रसरी आवत-जात से, शिल पर पड़े निशान

गोलू: मेरा जवाब भी सुन लो छोटे भैया—

बिना करत अभ्यास के, मुर्ख बने विद्वान
कालिदास का नाम क्या, भूल गये श्रीमान

•••

११. बेगम

अब्बू : गोलू भाई अगर उर्दू वर्णमाला से “गाफ” (Gaaf – گ) और “ग़ऐन” (Ghain – غ) का फ़र्क़ मिटा दिया जाये !

गोलू : क्यों मिटा दिया जाये ?

अब्बू : मान लो २ मिनट के लिए !

गोलू: चलो मान लिया तो !

अब्बू : ये हुई न बात। यदि “गाफ” और “गेन” का फर्क भुला दिया जाये तो “बेगम” शब्द वो बला है, जिसकी वजह से दुनिया के तमाम ग़म मिलते हैं, फिर भी हम बीवी को बे-ग़म कहते हैं।

•••

१२. चित्रकूट के घाट पर

अब्बू : गोस्वामी तुलसीदास जी ने क्या खूब ये दोहा कहा है—

चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीर
तुलसीदास चन्दन घिसे, तिलक लेत रघुवीर

गोलू: ये तो पुराना हो चुका है। आज गूगल का, आशिकी भरा आधुनिक ज़माना है इसलिए इस दोहे को कुछ यूँ कहो—

चित्रकूट के घाट पर, भई प्रेमियन की भीर
तुलसीदास देखत रहे, रांझे ले उड़े हीर

•••

१३. भ्रष्ट नेताओं के दर पर

अब्बू : आज़ादी से पहले ये शेर बड़ा लोकप्रिय था—

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पे मिटने वालों का, बाकी यही निशाँ होगा

गोलू: लेकिन आजादी के बाद अब सारा माज़रा ही बदल गया है छोटे—

भ्रष्ट नेताओं के दर पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन को लूटने वालों का, बाकी यही निशाँ होगा

•••

१४. दोहरा पुण्य

गोलू: अबे अब्बू के बच्चे तू रोज़ दूध में पानी मिलाकर कितना बड़ा पाप करता है। अगले जन्म में तू भैंसा बनेगा !

अब्बू : नाराज़ मत हो गोलू भैया। मैं तो दोहरा पुण्य कमा रहा हूँ।

गोलू: कैसे?

अब्बू : सभी धर्मों में पानी पिलाना पुण्य का काम माना गया है।

गोलू: अरे भैया तो पानी पिलाना, यूँ दूध में पानी मिलकर क्यों बेच रहा है?

अब्बू : आप ही बताओ अगर तीस लीटर दूध में पानी न मिलाऊँ तो तीस घरों तक दूध कैसे पहुंचेगा? उनका ख्याल करके ही तो मैं दूध में पानी मिलता हूँ।

गोलू : ये पकड़ इस महीने के पैसे।

अब्बू : ये क्या आठ सौ रूपये। मेरे तो सोलह सौ रूपये बनते हैं।

गोलू: ये दूध के हैं। बाकी पानी द्वारा आपके पुण्य कमाने के पैसे देकर मैं क्यों पाप का भागी बनूँ?

•••

१५. खबर

अब्बू (अखबार का नया अंक दिखाते हुए): संपादक महोदय गोलू जी, पूरा अखबार छपने के लिए तैयार है। बस अंतिम पृष्ठ पर एक कॉलम में सात-आठ पंक्तियों की जगह बच गई है। क्या करूँ ? कहाँ से ख़बर लाऊँ ?

गोलू (झल्लाते हुए): अबे इतनी छोटी-सी बात के लिए ख़बर लाने की क्या ज़रूरत है? जो मैं कहता हूँ वो छाप।

अब्बू : बोलो। गोलू : रात दरियागंज में बम फटने से छः मौतें। इसको हैडिंग बना और नीचे पंक्तियाँ लिख। कल रात्रि के द्धितीय प्रहर में दरियागंज के फुटपाथ पर बम विस्फोट हुआ जिसमे एक ओबेसी और पांच मवेशी मारे गए।

अब्बू : अब भी दो लाइनों की जगह बच रही है।

गोलू : बाद में तहकीकात करने पर मालूम चला कि खबर झूठी थी। महज अफवाह थी। इसे खबर के नीचे कोष्ठक में छापना।

•••

१६. हॉकी मैच

अब्बू : क्या बात है गोलू मियाँ ? अकेले-अकेले क्यों हंस रहे हो!

गोलू: अबे तू सुनेगा तो तू भी दांत फाड़ कर हंसने लगेगा।

अब्बू : ऐसा क्या ? ज़रा कुछ बताओ!

गोलू: कल मैं एक हॉकी मैच देखने गया था। जिस नेता को वहां मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। उन्होंने मैच में अंत में भाषण दिया—”भाइयों-और उनकी बहनों, हमारे देश में लकड़ी की कमी नहीं है। सारे खिलाडियों के हाथों में हॉकी देखकर मुझे यह बात समझ में आई मगर यह देखकर दुःख हुआ कि हमारा देश “गेंद” निर्माण में बेहद ग़रीब है। बेचारे सारे खिलाडी पूरे खेल के दौरान एक ही बाल के पीछे भागते नज़र आये। मैं प्रधान मंत्री जी से अनुरोध करूँगा कि अधिक से अधिक बॉल बनाई जाएँ। ताकि हर हॉकी खिलाडी के पास अपनी-अपनी गेंद हो और सभी आराम से गोल कर पाएं। खिलाडियों की सहूलियत की लिए हम मैदान के चारों तरफ अधिक से अधिक गोल पोस भी लगवा देंगे। ताकि कम से कम सभी खिलाडी आसानी से गोल कर सके।

अब्बू (मुँह बनाते हुए): तो इसमें इतना दाँत फाड़ने की बात क्या है। नेताजी ठीक तो कह रहे थे।

•••

१७. ताई, जयराम जी की

गोलू-अब्बू (दोनों सामने अनजान बुढ़िया को देखते हुए एक साथ बोले) : ताई, जयराम जी की।

बूढी (भड़कते हुए): अरे नाशपीटों, जयराम की तो मैं घरवाली हूँ। ताई तो तुम्हारी लगूंगी।

गोलू-अब्बू (दोनों फिर से एक साथ बोले) : वही तो कह रहे हैं। ताई प्रभु राम जी की।

बूढी (पुनः भड़कते हुए) : अरे कन्जरों, प्रभुराम जी तो मेरे ससुर जी थे। मैं उनकी ताई कैसे हुई?

गोलू-अब्बू (दोनों फिर से एक साथ बोले) : अरे वही तो कह रहे हैं। ताई भगवान राम जी की।

बूढी (छड़ी उठाते हुए) : अरे मूर्खों तुम ऐसे मानोगे। मेरे सारे रिश्तेदारों के नाम लिए जा रहे हो। भगवान राम तो मेरे चाचा ससुर हैं।

•••

१८. इतिहास का ज्ञान

गोलू: तुम्हे इतिहास का ज्ञान है।

अब्बू : हाँ, सौ में से एक सौ एक नंबर लाता था।

गोलू: बताओ, एण्ड कलर पॉकेट से आप क्या समझे?

अब्बू : औरंगज़ेब।

गोलू: मुस्लिम राजाओं का वंश बताओ, सिलसिलेवार।

अब्बू : गू खाता शीला में

गोलू: मतलब अब्बू : “गू” से गुलाम वंश “खा” से ख़िलजी वंश “ता” से तुगलक वंश “शी” से शय्याद वंश “ला” से लोधी वंश “में” से मुग़ल वंश

•••

१९. स्मार्ट लॉयन

गोलू (सरदार बने अब्बू से ): ऐ सरदार जी, तुम कौन हो ? कहाँ से आये ? अपना पूरा परिचय दो।

अब्बू : स्मार्ट लॉयन फ्रॉम स्मार्ट पुर (Smart Lion from Smart pur) ।

गोलू: ज़्यादा स्मार्ट बनता है। हिंदी में बता।

अब्बू : होशियार सिंह, होशियार पुर से।

गोलू: ठीक है। ठीक है। त्वाडे प्यो दा ना की है ?

अब्बू : थाउजेंड लॉयन (Thousand Lion)।

गोलू: मतबल की है!

अब्बू :ओ जी मतबल की होणा है थाउजेंड लॉयन दा सिधा-साधा मतलब है—हज़ारा सिंह। कहो तो दादा का नाम भी बता दूँ।

गोलू : तेरी उट-पटांग बोलने की खुजली मिट जाएगी तो बता दे।

अब्बू : ब्लैक रेड लॉयन (Black Red Lion)।

गोलू (माथा पकड़ते हुए। हाथ जोड़ते हुए।): रहम करों बादशाहो। दस दो मतलब की है!

अब्बू : श्यामलाल सिंह

•••

२०. गायक

अब्बू : मुझे गाना सीखा दो गोलू भाईसाहब।

गोलू: ये लो किताब, इसमें गाने लिखे हैं। कुछ भी गा कर सुनाओ।

अब्बू (पन्ने पलटते हुए):”हम होंगे कामयाब, तीन बार ।”

गोलू (गुस्से में): अबे उल्लू के पट्ठे। इसमें तीन बार बोलना नहीं है। इस लाइन को तीन बार गाना है।

अब्बू (पन्ने पलटते हुए): चलो दूसरा गाना गाता हूँ। “मुझे नींद न आये … मुझे नींद न आये … मुझे नींद न आये … मुझे चैन न आये … मुझे चैन न आये …मुझे चैन न आये …”

गोलू (गुस्से में): अबे नींद की गोली खा … मेरा दिमाग क्यों खा रहा है। कुछ और सुना।

अब्बू (पन्ने पलटते हुए): इस बार नया गाना सुनाता हूँ। “चार बोतल वोडका … काम मेरा रोज़ का …”

गोलू (गुस्से में): अबे तू बेवडा है। ये बात सारी दुनिया को गा के क्यों बता रहा है। चल कोई पुराना गीत सुना।

अब्बू (पन्ने पलटते हुए): “आवाज़ दे कहाँ है? दुनिया मेरी जवाँ है।”

गोलू (गुस्से में): अबे ऐसे मरे हुए अंदाज़ क्यों गा रहा है। गा रहा है या भौंक रहा है ऐसा लग रहा है, जैसे गा रहा हो—”भौंक दे कहाँ है, कुतिया मेरी जवाँ है।”

अब्बू (पन्ने पलटते हुए): चलो दूसरा गाना सुनो। “आवारा हूँ। या गर्दिश में हूँ। आसमान का तारा हूँ।

गोलू (गुस्से में): माँ के दीने, तेरी पढ़ने-लिखने में रूचि कभी थी नहीं। इसलिए तूने आवारा ही तो बनना था।

अब्बू (किताब फेंकते हुए): मैं नहीं गाता … पकड़ अपनी किताब।

•••

२१. साजन मोरे बालम मोरे

गोलू–अब्बू (दोनों एक साथ): गुड मॉर्निंग मैडम।हमने आज ही कंपनी ज्वाइन की है। कहाँ बैठे?

मोना : चलो पहले तुम्हारा परिचय सबसे करवा दें। सुनो आल स्टाफ ये दोनों नए एम्प्लॉयी हैं। पहले मैं अपना परिचय दे दूँ। मैं बॉस की पी० ए० मोना सिंह हूँ। आप दोनों भी अपना नाम बताएं।

गोलू: जी मेरा नाम साजन मोरे है।

अब्बू : और मेरा नाम बालम मोरे है।

(सारा स्टाफ दोनों के नाम सुनकर हंस पड़ा)

मोना (झेंपते हुए): साजन, बालम, ये नाम तो मैं नहीं ले सकूंगी। अपने पिता का नाम बताओ। उसी नाम से तुम्हे पुकारेंगे।

गोलू-अब्बू (दोनों एक साथ): जी पिताजी का नाम प्रीतम मोरे।

(सारा स्टाफ पिताजी का नाम सुनकर पुनः हंस पड़ा)

मोना (झेंपते हुए): प्रीतम, नहीं ये नाम भी मैं नहीं ले सकूंगी। अपने दादा का नाम बताओ शायद ले सकूँ।

गोलू-अब्बू (दोनों एक साथ): जी दादा का नाम स्वामी मोरे।

(सारा स्टाफ दादा का नाम सुनकर पुनः हंस पड़ा)

मोना (झेंपते हुए): क्या कहा स्वामी, तुम्हारे खानदान में एक भी ढंग का नाम है या सभी पागल हैं।

गोलू-अब्बू (दोनों एक साथ): जी मैडम, हमारे परदादा का नाम थोड़ा अलग था।

मोना (संतोष की साँस लेते हुए): अच्छा बताओ।

गोलू-अब्बू (दोनों एक साथ): जी मैडम, परदादा का नाम प्राणनाथ मोरे।

(सारा स्टाफ परदादा का नाम सुनकर पुनः हंस पड़ा)

मोना (झेंपते हुए): क्या कहा प्राणनाथ, लगता है सारे आशिक तुम्हारे खानदान में ही पैदा हुए हैं। सिरी-फरहाद, हीर-राँझा, सोहनी-महिवाल, रोमियो-जूलियट।

गोलू: यदि आप साथ दें तो इस फहरिस्त में एक नाम और जुड़ जायेगा। (थोड़ा प्यार से मोना के करीब जाकर) “साजन-मोना मोरे ”

अब्बू (गोलू को मोना से दूर धकेलते हुए): नहीं “बालम-मोना मोरे”

मोना (गुस्से से): सट अप बोथ ऑफ यू!

(कहकर मोना वहां से चली गई और सारा स्टाफ पुनः ठहाका लगाकर हंस पड़ा)

•••

२२. कंट्री हसबैंड (Country Husband)

अब्बू: गोलू, प्रधानमन्त्री को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

गोलू: प्राइम मिनिस्टर (Prime Minister) कहते हैं अब्बू जी।

अब्बू: गुड, और राष्ट्रपति को क्या कहते हैं?

गोलू: कंट्री हसबैंड (Country Husband)।

•••

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 587 Views
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