गोरे तन पर गर्व न करियो (भजन)
तर्ज:- उडें जब जब जुल्फें तेरी
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हो… ओ… गोरे तन पर गर्व न करियो -हो- गोरे तन पर गर्व न करिये हो…
गोरे तन पर गर्व ना करिये – गोरे तन पर गर्व न करिये
जवानी रहे 2 दिन की – जवानी रहे 2 दिन की
जग वालों…
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हो..ओ..जग की मतलब की यारी -हो- जग की मतलब की यारी हो..
जग की मतलब की यारी – जग की मतलब की यारी
यहाँँ नहीं है कोई अपना – यहाँँ नहीं है कोई अपना
जग वालों…
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1) हो.. ओ.. अनमोल है जीवन हैं जीवन घड़ियाँँ हो अनमोल है जीवन घड़ियाँँ हो…
अनमोल हैं जीवन घड़ियाँँ हो अनमोल हैंं जीवन घड़ियाँँ
हरि का तुम भजन कर लो हरि का तुम भजन कर लो
जग वालों…
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1) हो..ओ..अपना दिल दर्पण कर लो हो अपना दिल दर्पण कर लो हो…
अपना दिल दर्पण कर लो – अपना दिल दर्पण कर लो
झूठों का बेड़ा पार ना हुआ – झूठों का बेड़ा पार ना हुआ
जग वालों
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Female
2)हो..ओ..यहाँ कोई नहीं है तेरा – यहाँँ कोई नहीं है तेरा हो..
यहाँँ कोई नहीं है तेरा – यहाँँ कोई नहीं है तेरा
क्यों माया मोह में फंस रहे – क्यों माया मोह में फंस रहे
जग वालों..
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2) धन दौलत झूठा झगड़ा हो धन दौलत झूठा झगड़ा हो..
धन दौलत झूठा झगड़ा – धन दौलत झूठा झगड़ा
कभी प्राणों के साथ ना गए – कभी प्राणों के साथ ना गए
जग वालों..
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3) हो..ओ.. हम दुनियाँँ में एक मुसाफिर हो हम दुनियाँँ में एक मुसाफिर हो..
हम दुनियाँँ में एक मुसाफिर हो हम दुनियाँँ में एक मुसाफिर क्यों झगड़े आपस में – क्यों झगड़े आपस में
जग वालों..
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3) चौंरासी का भूल न चक्कर – चौंरासी का भूल न चक्कर
बुरे कर्मों ने साथ ना दिया – बुरे कर्मों ने साथ ना दिया
जग वालों..
।……..।………।……..।……..।…….।……..।……..।……..। लेखक:- खैम सिंह सैनी
ग्राम – गोविन्दपुरा
मो.नं. :- 9266034599