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26 Jun 2021 · 1 min read

गोपनीय

प्रेम जो बयां था नजर में
शब्द जो ठहरे थे अधर में
आज भी रखे है गोपनीय
जानते हो क्यों ?

उनमें संस्पर्श है हमारा
प्रणय निवेदन है हमारा
बयां है जिसम़े मुहब्बत
हर अल्फाज है खूबसूरत।

कब कहाँ मिले थे तुम ?
क्यूँ चाहने लगे थे हम ?
एक अन्तराल बाद भी
वो अनकहे पल गोपनीय
जो आज भी है शोचनीय।

जानते हो क्यों ?
क्योंकि इनमें है प्रेम गहराई
हिलोरे लेती जवान दिल अमराई ।
साथ निभाने की रीति
मेरी और तुम्हारी प्रीति ।

इसलिये ये रखे गोपनीय है
यूँ ही रखना है अशोभनीय
इनमें है हमारे प्रेम के शोर
बयां करते आरोह अवरोह
इसलिये अपनों से है गोपनीय ।

Language: Hindi
75 Likes · 368 Views
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