मात
खेल रहा है लालना, मात यशोदा गोद।
हर्षित है घर आँगना, छाया मंगल मोद।।
हाथ उठा कर मात जब, देती है आशीष।
झुक जाते भगवान भी, रख चरणों में शीश।।
-लक्ष्मी सिंह
खेल रहा है लालना, मात यशोदा गोद।
हर्षित है घर आँगना, छाया मंगल मोद।।
हाथ उठा कर मात जब, देती है आशीष।
झुक जाते भगवान भी, रख चरणों में शीश।।
-लक्ष्मी सिंह