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15 Mar 2018 · 1 min read

गेहलोत की गजल

हाल ए दिल किसे सुनाए हम ,
अरमान दिल के किसे बताए हम ,
उसने हमें जो बेवफा कह दिया ,
दास्‍तॉ ए दिल किसे सुनाए हम ,
वो जो हमे छोड गयी भवर में अकेला ,
दिल तोड गयी वो मुह मोड गयी हमसे ,
अपनी वफा ये अकेलापन किसे बताए हम ,

रूठकर गयी हमसे रूठी है वो खुद से
उसके दिल में मेरी रूह है किसे बताए हम ,
उसका आना उसका जाना ,
पास बैठकर भी न बतियाना किसे बताए हम ,
उसके वादे उसकी कसमें ,

साथ निभाने की वो रस्‍में किसे बताए हम,
तोड गयी वोे वादे कसमें
तोड गयी वो रस्‍में अपनी किसे बताए हम ,

उसका इठलाना , शर्माना , यु नजरे चुराना ,
नजरे मिला के यु छोड जाना किसे बताए हम,
हाल ए दिल किसे सुनाए हम ,
अरमान दिल के किसे बताए हम,

भरत गेहलोत
जालोर राजस्‍थान
सम्‍पर्क 7742016184

2 Likes · 295 Views
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