*गृहस्थी का मजा तब है 【मुक्तक 】*
गृहस्थी का मजा तब है 【मुक्तक 】
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गृहस्थी का मजा तब है कि जब तकरार हो थोड़ी
न कोई जंग में जीते, सभी की हार हो थोड़ी
हाँ जी – हाँ जी कहना हर समय अच्छा नहीं लगता
जरा – सी मिर्च बढ़िया स्वाद के अनुसार हो थोड़ी
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जंग = युद्ध ,लड़ाई
तकरार = कहासुनी ,झगड़ा ,विवाद
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451