गूगल बनाम शिक्षक
डिजिटल तो हो गए हम , इस कोरोना के काल में,
किंतु दुनिया सिमट गई बच्चों की, इक छोटे से मोबाइल में।।
गृह कार्य करने में बच्चे , अब ना करते कोई आनाकानी ।
गूगल देवता ने तो जैसे , हल कर रखी है सारी परेशानी।।
दो लाइन का उत्तर भी अब, ये दस लाइन में देते हैं ।
शिक्षक के समक्ष ऑनलाइन आकर, खूब रौब जमाते हैं।।
परिस्थितियां हुई विकट अब,हम शिक्षकों की बढ़ी है जिम्मेदारी।
भटके हुए बच्चों को फिर से, वापस लाने की करनी होगी तैयारी।
अब शिक्षा की नई पद्धति, हमें अपनानी होगी।
पुनः बच्चों में नई चेतना की, लहर जगानी होगी।
शिक्षा वह नहीं है बच्चों, जो नकल के द्वारा आए।
यह तो है एक भावना, जो स्वत: जगाया जाए।।
बीज शिक्षा का हमें पुनः अंकुरित करना होगा ।
तभी इस परेशानी का संपूर्ण समाधान होगा।।