गुड़िया रानी(24)
आँखें मलमल गुड़िया रानी
ढूँढ़ रही है अपनी नानी
आदत उसकी वही पुरानी
उसको सुननी एक कहानी
नानी को भी गुड़िया प्यारी
उनकी वो दुनिया है सारी
झट से छोड़े सारे काम
किया तनिक भी ना आराम
गोदी में उसको बैठाया
उस पर सारा प्यार लुटाया
और सुनाई उसे कहानी
ले आई परियों की रानी
तभी नींद ने चादर तानी
पलकों पर भी की मनमानी
लगती गुड़िया इतनी प्यारी
जैसे सोई राजकुमारी
30-07-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद