गुस्सा
छिल दिया जाता है
हर कभी वो
काट दिया जाता है
चुपके से वो
शांत है जंगल फिर भी
अभी तक
कोई विद्रोह नहीं किया
कभी उसने
कभी गुस्सा दिखाया नहीं
आजतक उसने
इतना शांत कैसे है वो
जीत लिया है उसने
अपने गुस्से को शायद
झेल रहे तभी सबकुछ
चुपचाप है वो।।