* गुस्ताख़ ये दर्द *
गुस्ताख़ ये दर्द अब हमें जीने नहीं देगा
पी-पी के हारे ज़ाम अब पीने नहीं देगा
रात की तन्हाई हो या दिन का सूनापन
पी-पी पी की याद हमे जीने नही देगा ।।
?मधुप बैरागी
गुस्ताख़ ये दर्द अब हमें जीने नहीं देगा
पी-पी के हारे ज़ाम अब पीने नहीं देगा
रात की तन्हाई हो या दिन का सूनापन
पी-पी पी की याद हमे जीने नही देगा ।।
?मधुप बैरागी