— गुलामी —
बेवजह बदनाम करते हैं अंग्रेजों को
कि उन्होंने सब को गुलाम बना के रखा
सच तो यही है आज हम आजाद हैं
पर क्या हम वाकई में आजाद हैं ??
गुलामी की बेड़ियाँ आज भी हैं हम पर
करते हैं वार लगातार हम पर
हर किसी को बंधन में देखना चाहता
हर जगह का मालिक पैसे वाला बनकर !!
गरीब के पास क्या है कुछ ज्यादा नही
अमीर करता है राज बस खुदा बनकर
जीना भी दुश्वार हो रही हाहा कार
कैसे जिए जिये वाला इंसान बनकर !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ