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31 May 2024 · 1 min read

गुलाब ….

गुलाब ….

अपनी
लाख कोशिशों के बावजूद
कांटे
चीर न सके
महक को

गुलाब
मिट कर भी
महकता रहा
गुलाब सा

सुशील सरना

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