गुलाब
गुलाब
सुर्ख़ अधरों पे लाली गुलाब सी
माथे सोहे लाल बिंदी गुलाब सी
जुड़े में गुँथा गजरा गुलाब का
अदाओं में नज़ाकत गुलाब सी
तेरी प्रीत की ख़ुशबू गुलाब सी
तेरे संग गुजरे ज़िंदगी गुलाब सी
जुदाई मानो काँटा गुलाब का
तेरी याद में आँखे हुई गुलाब सी
तू आए तो घर की महक गुलाब सी
मन की कलियाँ खिली गुलाब सी
लाज से लाल कपोल गुलाब का
तुझे पाकर मैं भी महकूँ गुलाब सी