गुलाब-से नयन तुम्हारे
गुलाब-से नयन तुम्हारे
महके-महके हुए है।
हम चुम ले तुमको,
ये महक उठे मुहब्बत हमारी…
किताब-सा मन है मेरा
तुम उसमें गुलाब छुपा लो
अपने जीवन की महकती
मुहब्बत को तुम बसा लो…
~परमार प्रकाश
गुलाब-से नयन तुम्हारे
महके-महके हुए है।
हम चुम ले तुमको,
ये महक उठे मुहब्बत हमारी…
किताब-सा मन है मेरा
तुम उसमें गुलाब छुपा लो
अपने जीवन की महकती
मुहब्बत को तुम बसा लो…
~परमार प्रकाश