गुलाबी होठ
गुलाबी तुम्हारे होठ खुलते कब
लेते रहते मेरा ही नाम जाने कब
सच मानो तो पावन कर देते मन
मेरे होने की वजह तुम ही हो अब
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़ , हरियाणा
गुलाबी तुम्हारे होठ खुलते कब
लेते रहते मेरा ही नाम जाने कब
सच मानो तो पावन कर देते मन
मेरे होने की वजह तुम ही हो अब
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़ , हरियाणा