@गुलशन खुशबू से महका गया@
गुलशन खुशबू से महका गया
★ अंधकार को चिरता हुआ सूरज आसमाँ में निकल आया,,
नीलगगन से सुनहरी किरण
बिखरने ज़मी पर आया।
★ जल नदियों का भी अपने वेग से बह रहा,,
हर इंशा को चलने का पैगाम दे रहा।
★ चिड़ियों ने भी अपना घोंसला छोड़ उड़ान भर दिया,,
फुदक फुदकर छत पर रखा दाना पानी चुग लिया।
★ बागों में भी कलियों ने खिलकर मुस्कुरा दिया,,
सारी फ़िजा को अपनी खुशबू से महका दिया।
★ भवरों ने भी तितलियों संग फूलों का रसपान कर लिया,,
सुबह सुबह बच्चों का मन सबने मोह लिया।
★ गुलशन के हर फूल की रंगत ने मन को मोह लिया,,
सोनू ने देख इन्हें खिलखिलाकर हँस लिया।
गायत्री सोनू जैन मंदसौर