Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2017 · 1 min read

@गुलशन खुशबू से महका गया@

गुलशन खुशबू से महका गया

★ अंधकार को चिरता हुआ सूरज आसमाँ में निकल आया,,
नीलगगन से सुनहरी किरण
बिखरने ज़मी पर आया।

★ जल नदियों का भी अपने वेग से बह रहा,,
हर इंशा को चलने का पैगाम दे रहा।

★ चिड़ियों ने भी अपना घोंसला छोड़ उड़ान भर दिया,,
फुदक फुदकर छत पर रखा दाना पानी चुग लिया।

★ बागों में भी कलियों ने खिलकर मुस्कुरा दिया,,
सारी फ़िजा को अपनी खुशबू से महका दिया।

★ भवरों ने भी तितलियों संग फूलों का रसपान कर लिया,,
सुबह सुबह बच्चों का मन सबने मोह लिया।

★ गुलशन के हर फूल की रंगत ने मन को मोह लिया,,
सोनू ने देख इन्हें खिलखिलाकर हँस लिया।

गायत्री सोनू जैन मंदसौर

Language: Hindi
1 Like · 274 Views

You may also like these posts

श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
अवध किशोर 'अवधू'
शीर्षक -तुम ही खेवनहार
शीर्षक -तुम ही खेवनहार
Sushma Singh
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गुमनाम 'बाबा'
#लिख_के_रख_लो।
#लिख_के_रख_लो।
*प्रणय*
23/193. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/193. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में
जीवन में
ओंकार मिश्र
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
आने वाले वक्त का,
आने वाले वक्त का,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
Harinarayan Tanha
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
अंसार एटवी
शीर्षक- *मजदूर*
शीर्षक- *मजदूर*
Harminder Kaur
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
- यादें ही तो याद आती है -
- यादें ही तो याद आती है -
bharat gehlot
राम आ गए
राम आ गए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रीत
प्रीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
सेवा गीत
सेवा गीत
Mangu singh
प्यार-मोहब्बत के पीछे भागोगे तो ये दूर चला जाएगा।
प्यार-मोहब्बत के पीछे भागोगे तो ये दूर चला जाएगा।
Ajit Kumar "Karn"
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
Loading...