गुरू है मार्गदर्शक
दिनांक 16/7/19
है जीवन
गुरू आश्रित
होता सब मंगल
है गुरू बिन
भटकाव जीवन में
मार्गदर्शक बनते
गुरू जीवन में
है जीवन
क्षणभंगुर
बढ़ना है गर
सही दिशा राह पर
पकड़ लो ऊँगली
अपने गुरू की
है गुरू
जग का
पालनहार
करो वंदना
सुबह शाम
होगा उनका
आशीर्वाद
होंगे सभी
सफल काम
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल