गुरू वन्दना
नमामि गुरूवर नमामि गुरूवर, नमन करो स्वीकार !
मे मूरख अज्ञानी मुझमे अवगुण दोष हजार..!
आप कृपा के सागर हो ,अमृत है आपकी वाणी !
उद्धार करो मेरा गुरूवर, मे हु अधम प्राणी !!
परम् कृपा से ईश्वर की, सानिध्य आपका पाया है !
आपकी अनमोल दया ने, दास को भाग्यशाली बनाया है !!
है ज्ञानियो मे महाज्ञानी, सत्य के सांचे मे मुझको ढालो !
ज्ञान रूपी बाणो से ,मेरे मन का शेतान मिटा डालो !!
जब भी हो मुझसे भूल कोई, उस भूल को आप भुला देना !
क्षमा दान देकर मुझको, फिर सत्य का पाठ पड़ा देना !
रहे परमार्थ सदा उर मेरे, एसी कृपा करो सरकार !
नमामि गुरूवर नमामि गुरूवर ,नमन करो स्वीकार,
मेरा नमन करो स्वीकार…!