– गुरूर –
– गुरूर –
तुझे बहुत गुरूर है,
अपने हुस्न का,
अपने पिता की दौलत का,
जो तू है नही वैसा दिखने का,
बनावटी बनने का,
बनावट करने का,
आशिको को छलने का,
अपनी जवानी का,
मस्त रवानी का,
पर तू कुछ है नही जिसका तुझे बहुत गुरूर है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान